Tuesday, 24 September 2013

एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !






एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !



आ नहीं, त अपने में होईत रहु विभाज्य !!



आ करैत रहु, हमरा चाही मिथिला राज्य !



हमरा चाही मिथिला राज्य, हमरा चाही मिथिला राज्य !!



मिथिला के भविष्य त, उठाये लेने छथि जगदीश !



आबो त सब मिलि - जुलि क, हाथ जोड़ी नवाऊ शीश !!



जतेक संघ आ पार्टी, सब अपने -अपने करैत रहु तीन - पांच !



ऐना जां करैत रहब, त कखनो नै मिळत घांच !!



बेसी हम की कहु, अपने सब छि बड्ड बुझनुक !



कनी ओहो, कनी तोंहू, कनि कनिक सब झुक !!



जे सब एही काज में झुकबहक, तकरे नाम उठ त !



आ नहि, त सबटा कबिलपंथी घुसरि जे त !!



एतै कियो वीर बहादुर, सब के कर जोड़ी निहोरा करत !



आ मिथिला के लोक के, एक जुट करैत, राज्य बनेबे टा करत !!



फेर पुछै छि, बात बुझै छि ? केना बनेबई मिथिला राज्य !



एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !! 



संजय कुमार झा "नागदह" ०१/०९/२०१३

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