Saturday, 31 August 2013

एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य


एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !
नहीं, अपने में होईत रहु विभाज्य !!

करैत रहु, हमरा चाही मिथिला राज्य !
हमरा चाही मिथिला राज्य, हमरा चाही मिथिला राज्य !!

मिथिला के भविष्य , उठाये लेने छथि जगदीश !
आबो सब मिलि - जुलि क, हाथ जोड़ी नवाऊ शीश !!

जतेक संघ पार्टी, सब अपने -अपने करैत रहु तीन - पांच !
ऐना जां करैत रहब,   कखनो नै मिळत घांच !!

बेसी हम की कहु, अपने सब छि बड्ड बुझनुक !
कनी ओहो, कनी तोंहू, कनि कनिक सब झुक !!

जे सब एही काज में झुकबहक, तकरे नाम उठ !
नहि, सबटा कबिलपंथी घुसरि जे !!

एतै कियो वीर बहादुर, सब के कर जोड़ी निहोरा करत !
मिथिला के लोक के, एक जुट करैत, राज्य बनेबे टा करत !!

फेर पुछै छि, बात बुझै छि ? केना बनेबई मिथिला राज्य !
एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !!


संजय कुमार झा "नागदह"  ०१/०९/२०१३

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