Saturday, 31 August 2013

आप कब आओगे ?


रास्ते चलते - चलते आँख अपना काम तो वेहीचक करता ही है, चाहे कुछ अच्छा दिखे या बुरा आँख तो देखने का ही काम करता है, देखने मात्र से तो कुछ नहीं होता, होता है तो तब, जब देखने के बाद जब ये मन और ह्रिदय को छू जाती है चाहे कुछ अतिसुंदर,बदसूरत, ख़राब,घटना, दुर्घटना, कुछ भी  दिखे असर तो सब में ही होता है इसमें आँख का दोष क्या ? किसी भी घटना का जिम्मेदार कोई स्थान नहीं होता, होता है तो इसका रखवार,इसका देखभाल करने बाला वैसे आजकल सभी नगर और महानगर में , पार्क के आस-पास, सड़क पर ,कार में , दू पहिया वाहन पर , और यहाँ तक की पब्लिक पैलेस पर भी युगल जोड़ी एक -दुसरे से ऐसे चिपके रहते हैं की आँख पड़ने मात्र की देर है फिर शालीन से शालीन लोगो  की भी आँख देखते ही देखते रह जाती है , और मन ही मन अपने नजरिये से आलोचना करते हुए निकल जाते है ऐसे में युगल जोड़ी भी खतरे में और राही/दर्शक भी, लेकिन संभालना किसे है जोड़ी को या राही को? किसको समझाए दोनों के पास मन ही तो है जो काबू में नहीं है, ऐसे में दुर्घटना का होना तो स्वाभाविक ही है पर ऐसा भी नहीं की सडको पर दुर्घटना सिर्फ इसी तरह के कारण से होता है, और भी अनेक कारण हो सकता है क्या सभी युगल जोड़ी एकांत हो जाय तो घटना रूक जायेगा? नहीं , ऐसा संभव नहीं है
 बहुत सी ऐसी सुन्दर बाग़, इमारत, सुंदर चीजे, सुन्दरी, दिखाई देती है जिससे लोगो का ध्यान भंग होता है, ठीक इसके विपरीत अगर कोई बदसूरत, कुरूप, अधिक मोटा-मोटी, घटना और दुर्घटना भी रास्ते में दिखती है जिससे ध्यान भंग होता है, जिसके कारण दुर्घटना होने की सम्भावना बढ़ जाती है जरुरत है सड़क पर एकाग्रता की , सड़क पर ध्यान रखने की , परिवहन के नियमो का पालन करने की जिससे आप सकुशल घर पहुँच सकते है क्योकि घर पर आपका कोई इंतज़ार करता है ,और मन ही मन पुकारता रहता है , आप कब आओगे ?

संजय कुमार झा "नागदह" ०७/०८/२०१३

एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य


एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !
नहीं, अपने में होईत रहु विभाज्य !!

करैत रहु, हमरा चाही मिथिला राज्य !
हमरा चाही मिथिला राज्य, हमरा चाही मिथिला राज्य !!

मिथिला के भविष्य , उठाये लेने छथि जगदीश !
आबो सब मिलि - जुलि क, हाथ जोड़ी नवाऊ शीश !!

जतेक संघ पार्टी, सब अपने -अपने करैत रहु तीन - पांच !
ऐना जां करैत रहब,   कखनो नै मिळत घांच !!

बेसी हम की कहु, अपने सब छि बड्ड बुझनुक !
कनी ओहो, कनी तोंहू, कनि कनिक सब झुक !!

जे सब एही काज में झुकबहक, तकरे नाम उठ !
नहि, सबटा कबिलपंथी घुसरि जे !!

एतै कियो वीर बहादुर, सब के कर जोड़ी निहोरा करत !
मिथिला के लोक के, एक जुट करैत, राज्य बनेबे टा करत !!

फेर पुछै छि, बात बुझै छि ? केना बनेबई मिथिला राज्य !
एक जुट होउ मिथिलावासी, तखनहि बनत मिथिला राज्य !!


संजय कुमार झा "नागदह"  ०१/०९/२०१३

Friday, 2 August 2013

स्थिति नियंत्रण में अछि


मात्र दस मिनट के लेल बिजली कटी गेल
ककरो जेब कटी गेल, त ककरो दुकान लुटी गेल
ककरो कियो चाकू मारिदेलक
ककरो पर स कार गुजरी गेल
एकटा महिला चिल्लेलथि - हमर दू टा जवान बेटी छल, एकटा केमहर गेल ?
पति डटलथी- चुपू ! जेमहर जाय के छल तेमहर गेल
आब जे चिल्लायब त भ जायेत पिटाई
काश ! दस मिनट बिजली और नै अबैत
जहिना एकटा गेल दोसरो चली जाइत
दहेज़ के चिंता ख़तम भ जाइत
माँ के ममता सन्न अछि
बाप प्रसन्न अछि
स्थिति नियंत्रण में अछि

हाय रे दहेज़प्रथा