Thursday, 7 August 2014
Tuesday, 5 August 2014
हे भोलानाथ
कखन हरब दुःख मोर
हे भोलानाथ
दुखहि जनम भेल , दुखहि गमाओल
सुख सपनेहु नहीं भेल
हे भोला नाथ ...
एही भवसागर थाह कतहु नहि
भैरव धरु करुआर
हे भोलानाथ
भन विद्यापति मोर भोलानाथ गति
देहु अभय बार मोहि
हे भोलानाथ ....
हे भोलानाथ
दुखहि जनम भेल , दुखहि गमाओल
सुख सपनेहु नहीं भेल
हे भोला नाथ ...
एही भवसागर थाह कतहु नहि
भैरव धरु करुआर
हे भोलानाथ
भन विद्यापति मोर भोलानाथ गति
देहु अभय बार मोहि
हे भोलानाथ ....
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